रवींद्रनाथ टैगोर ने 30 मई 1919 को भारत सरकार को अपना सम्मान चिह्न लौटाया। ब्रिटिश क्राउन ने 1915 में उन्हें नाइटहुड की उपाधि दी थी। 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद उन्होंने यह उपाधि त्याग दी। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद टैगोर ने कोलकाता में विरोध सभा आयोजित की। उनका यह विरोध औपनिवेशिक सरकार के खिलाफ था। उन्होंने अपनी उपाधि ब्रिटिश सरकार को लौटा दी।
This Question is Also Available in:
English