1902-03 का भारतीय पुलिस आयोग, जिसे फ्रेजर आयोग के नाम से भी जाना जाता है, ब्रिटिश सरकार ने भारत में पुलिस व्यवस्था में सुधार के लिए गठित किया था। इसका नेतृत्व सर एंड्रयू फ्रेजर और लॉर्ड कर्जन ने किया। इसका मुख्य उद्देश्य पुलिस बल की दक्षता और प्रभावशीलता बढ़ाना था। आयोग की प्रमुख सिफारिशों में एक केंद्रीकृत पुलिस खुफिया प्रणाली की स्थापना थी, जिससे खुफिया जानकारी एकत्र करने और विश्लेषण की प्रक्रिया में सुधार हुआ। इसने पुलिस के कार्यकारी और न्यायिक कार्यों को अलग करने और एक पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय स्थापित करने की भी सिफारिश की। आयोग की सिफारिशों का भारतीय पुलिस प्रणाली पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा और कई सिफारिशें लागू की गईं।
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