सैलेन्द्र वंश एक भारतीयकृत वंश था जिसने 750 ईस्वी से 850 ईस्वी तक जावा पर शासन किया। सैलेन्द्र वंश के शासक बौद्ध धर्म के अनुयायी थे और उन्होंने महायान बौद्ध धर्म को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कई मंदिर और स्मारक बनाए, जिनमें बोरबुदुर स्तूप शामिल है, जो अब यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। बोरबुदुर मंदिर परिसर दक्षिण पूर्व एशिया का पहला बड़ा बौद्ध स्मारक था और इसने बाद के स्मारकों के निर्माण को प्रभावित किया।
सैलेन्द्र वंश का शासन महायान बौद्ध धर्म के प्रसार से जुड़े सांस्कृतिक पुनर्जागरण से चिह्नित था। इस वंश के शासनकाल में बने मंदिरों और स्मारकों में उच्च स्तर की कलात्मक अभिव्यक्ति दिखाई देती है।
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