'सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा' जिसे "हिंदुस्तान के लोगों का गीत" भी कहा जाता है, उर्दू भाषा में बच्चों के लिए लिखा गया एक देशभक्ति गीत है। इसे प्रसिद्ध कवि मोहम्मद इकबाल ने उर्दू ग़ज़ल शैली में लिखा था। यह कविता 16 अगस्त 1904 को साप्ताहिक पत्रिका 'इत्तेहाद' में प्रकाशित हुई थी। अगले वर्ष इकबाल ने इसे ब्रिटिश भारत के लाहौर स्थित गवर्नमेंट कॉलेज में सार्वजनिक रूप से सुनाया, जहां यह ब्रिटिश शासन के विरोध का प्रतीक बन गई। यह गीत हिंदुस्तान, जो आज के बांग्लादेश, भारत और पाकिस्तान को मिलाकर बना था, की प्रशंसा में लिखा गया था। बाद में 1924 में इसे उर्दू पुस्तक 'बांग-ए-दरा' में प्रकाशित किया गया।
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