सन् 1615 में सर थॉमस रो, जो इंग्लैंड के राजा जेम्स प्रथम के दूत थे, मुग़ल सम्राट जहांगीर (1605–1627) के दरबार में व्यापारिक अधिकार प्राप्त करने के उद्देश्य से आए थे। जहांगीर कला प्रेमी थे और उन्होंने तुज़ुक-ए-जहांगीरी नामक अपनी डायरी में दरबार का जीवन दर्ज किया था। सर थॉमस रो के विवरण मुग़ल दरबार की झलक और जहांगीर की यूरोपीय कला व तकनीक में रुचि को दर्शाते हैं, जिसने भारत में ब्रिटिश प्रभाव की नींव रखी।
This Question is Also Available in:
English