जब संसद के दोनों सदनों के बीच मतभेद होता है या किसी विधेयक पर छह महीने से अधिक समय तक कोई निर्णय नहीं होता, तब राष्ट्रपति दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुला सकते हैं। इस बैठक की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करते हैं और सामान्य बहुमत से निर्णय लिया जाता है। अब तक केवल तीन विधेयक — दहेज निषेध अधिनियम (1961), बैंकिंग सेवा आयोग निरसन विधेयक (1978) और आतंकवाद निरोधक विधेयक (2002) — संयुक्त बैठक में पारित हुए हैं।
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