प्रसिद्ध ब्रिटिश दार्शनिक जेरेमी बेंथम को आधुनिक उपयोगितावाद का जनक माना जाता है। उनकी महत्वपूर्ण रचना "इंट्रोडक्शन टू द प्रिंसिपल्स ऑफ मॉरल्स एंड लेजिस्लेशन" इस दार्शनिक आंदोलन की आधिकारिक शुरुआत मानी जाती है। बेंथम का सिद्धांत "अधिकतम लोगों की अधिकतम खुशी" को प्राथमिकता देता है, जिसने सामाजिक कार्यों और कानूनी प्रावधानों के मूल्यांकन के लिए एक नई दृष्टि प्रदान की। उनके विचारों ने आधुनिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों के विकास को गहराई से प्रभावित किया और व्यक्तिगत स्वतंत्रता व खुशी के महत्व को रेखांकित किया।
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