राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने मध्य प्रदेश में मोरंड-गंजाल सिंचाई परियोजना के खिलाफ चेतावनी दी है। इस परियोजना में होशंगाबाद, बैतूल, हरदा और खंडवा जिलों में सिंचाई सुधार के लिए मोरंड और गंजाल नदियों पर दो बांध बनाने की योजना है। इससे 644 परिवार विस्थापित हो सकते हैं, जिनमें 604 आदिवासी परिवार शामिल हैं। यह सतपुड़ा और मेलघाट टाइगर रिजर्व के बीच एक महत्वपूर्ण बाघ गलियारे को नष्ट कर सकता है, जिससे तेंदुआ, भेड़िया, जंगली कुत्ते और लकड़बग्घे जैसी प्रजातियों को खतरा हो सकता है।
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