वृंदावनलाल वर्मा (9 जनवरी 1889 - 23 फरवरी 1969) हिंदी उपन्यासकार और नाटककार थे। उन्हें उनके साहित्यिक योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। आगरा विश्वविद्यालय ने उन्हें मानद डी.लिट्. की उपाधि दी। उन्हें सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार मिला और भारत सरकार ने उनके उपन्यास "झाँसी की रानी" के लिए भी सम्मानित किया। बचपन से ही उन्हें पौराणिक कथाओं और इतिहास में रुचि थी। उनकी प्रसिद्ध कृति "मृगनयनी" 15वीं शताब्दी के अंत में ग्वालियर की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जिसमें मान सिंह तोमर और उनकी "द्वयांग रानी" मृगनयनी की कहानी है।
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