सूरत को बाबुल मक्का कहा जाता था क्योंकि मक्का की तीर्थयात्रा यहीं से शुरू होती थी। यह गुजरात का प्रमुख शहर है और अपने वस्त्र उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। आज यह हीरा कटाई और पॉलिशिंग का मुख्य केंद्र भी है। मध्यकाल में यह विश्व इतिहास का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह था। मक्का जाने वाले कई तीर्थयात्री समुद्री मार्ग से सूरत से यात्रा शुरू करते थे, इसलिए इसे मक्का का द्वार कहा जाता था। इसे पश्चिम एशिया का प्रवेश द्वार भी कहते हैं क्योंकि यह वस्त्र और अन्य सामान के समुद्री व्यापार का प्रमुख केंद्र था, जहां से अन्य एशियाई देशों को निर्यात किया जाता था।
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