स्वदेशी आंदोलन आधिकारिक रूप से 7 अगस्त 1905 को बंगाल के कलकत्ता टाउन हॉल में घोषित किया गया था। जुलाई 1905 में भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन ने बंगाल विभाजन की घोषणा की, जिसके विरोध में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने बंगाल में स्वदेशी आंदोलन शुरू किया। यह एक विरोध आंदोलन था, जिसने देश में बहिष्कार आंदोलन को भी प्रेरित किया।
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