मुहम्मद गौरी ने 1206 ईस्वी में भारत में सबसे पहले इक्ता प्रणाली की शुरुआत की थी। बाद में इल्तुतमिश ने इसे संस्थागत रूप दिया। मुहम्मद गौरी ने कुतुब उद्दीन ऐबक को भारत का पहला इक्ता सौंपा था। सल्तनत काल के दौरान इक्तादारी प्रणाली में कई बदलाव हुए। प्रारंभ में इक्ता उपजाऊ भूमि थी जिसे वेतन के बदले दिया जाता था। फिरोज शाह तुगलक के शासनकाल 1351 ईस्वी में यह पदानुक्रमिक हो गई।
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