1950 में संविधान की 8वीं अनुसूची में 14 भाषाएँ शामिल थीं — असमिया, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु और उर्दू। बाद में इसे तीन बार बढ़ाया गया। पहले सिंधी को जोड़ा गया, फिर कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली को शामिल किया गया और इसके बाद बोडो, संथाली, मैथिली और डोगरी को जोड़ा गया, जिससे कुल 22 अनुसूचित भाषाएँ हो गईं। कई अन्य भाषाओं को शामिल करने पर विचार चल रहा है।
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