मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार
भारत सरकार अधिनियम 1919 ने भारतीय विधायिका को द्विसदनीय बनाया। इस अधिनियम ने भारत में पहली बार द्विसदनीय प्रणाली और प्रत्यक्ष चुनाव की व्यवस्था की। इसने भारत के लिए एक नया पद, राज्य सचिव, और एक नया वायसराय पद भी सृजित किया।
इस अधिनियम के तहत विधायिका को दो सदनों में विभाजित किया गया:
अधिनियम ने केंद्रीय और प्रांतीय विषयों का वर्गीकरण किया और आयकर को केंद्र सरकार के राजस्व स्रोत के रूप में बनाए रखा। बाद में, इसे 1976 के क़ानून (निरसन) अधिनियम द्वारा समाप्त कर दिया गया।
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