सिंध के बंदरगाहों की रणनीतिक स्थिति के कारण ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1775 में वहां एक फैक्ट्री स्थापित करने की कोशिश की थी, लेकिन 1792 में इसे छोड़ दिया। अगस्त 1842 में, लॉर्ड एलेनबरो ने मेजर-जनरल सर चार्ल्स जे. नेपियर (1782-1853) को सिंध की कमान सौंपी, जिसका उद्देश्य कंधार से ब्रिटिश सेना की वापसी में सहायता करना था। 1843 में सिंध का ब्रिटिश साम्राज्य में विलय कर लिया गया।
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