बीयर हॉल पुट्सच, जिसे म्यूनिख पुट्सच, हिटलरपुट्सच या हिटलर-लुडेनडॉर्फ पुट्सच के नाम से भी जाना जाता है, नाजी पार्टी (NSDAP) के नेता एडोल्फ हिटलर द्वारा 8-9 नवंबर 1923 को म्यूनिख, बवेरिया में सत्ता हथियाने के लिए किया गया एक असफल तख्तापलट था। लगभग 2000 नाजी फेल्डहेरनहाले की ओर मार्च कर रहे थे, जब शहर के केंद्र में पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस टकराव में 16 नाजी पार्टी सदस्यों और 4 पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई। हिटलर घायल हुआ लेकिन तुरंत गिरफ्तार नहीं हुआ। दो दिन बाद उसे देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस पुट्सच ने हिटलर को जर्मनी में चर्चित बना दिया और उसे अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां मिलीं। गिरफ्तारी के बाद 24 दिन तक चले मुकदमे ने उसे राष्ट्रवाद पर अपने विचार व्यक्त करने का मंच दिया। हिटलर को देशद्रोह का दोषी पाते हुए 5 साल की सजा सुनाई गई और उसे लैंड्सबर्ग जेल भेजा गया, जहां उसने अपने साथी कैदियों एमिल मॉरिस और रूडोल्फ हेस को 'मीन काम्फ' लिखवाया। 20 दिसंबर 1924 को 9 महीने की सजा पूरी करने के बाद उसे रिहा कर दिया गया। जेल से बाहर आने के बाद हिटलर ने सत्ता पाने के लिए हिंसा की जगह कानूनी तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया और नाजी प्रचार को और मजबूत किया।
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