बहरेच का युद्ध (1033) राजा सुहेलदेव और ग़ज़नी के सैय्यद सालार मसूद के बीच हुआ एक निर्णायक युद्ध था। यह युद्ध उत्तर प्रदेश के बहरेच नगर के पास लड़ा गया था। इस युद्ध में 100000 सैनिकों की ग़ज़नवी सेना पूरी तरह नष्ट हो गई, जिससे मुस्लिम विजय अभियान एक सदी से अधिक समय तक रुक गया। ग़ज़नवी सेना को मुल्तान और लाहौर को छोड़कर सभी क्षेत्रों से बाहर कर दिया गया। जून 1033 में बहरेच में सालार मसूद ग़ज़नी अपनी पूरी सेना के साथ मारा गया और एक भी सैनिक जीवित नहीं बचा। राजा भोज, जिन्होंने 1000 से 1050 ईस्वी तक लगभग 50 वर्षों तक शासन किया, मसूद की हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सालार मसूद ग़ज़नी की मजार आज भी उत्तर प्रदेश के बहरेच में स्थित है।
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