फतवा-ए-आलमगिरी या फतवा-ए-हिंदिया एक इस्लामी कानून ग्रंथ है, जो मुगल सम्राट औरंगज़ेब के शासनकाल में शरिया के आधार पर लिखा गया था। यह मुख्य रूप से सुन्नी हनफ़ी न्यायशास्त्र पर आधारित है और इसे तैयार करने में लगभग 500 विद्वानों ने योगदान दिया। इसका उद्देश्य साम्राज्य में इस्लामी कानून को एकरूप बनाना था। यह औरंगज़ेब की इस्लामी रूढ़िवाद को सुदृढ़ करने की मंशा को दर्शाता है और इस्लामी विधि अध्ययन में एक महत्वपूर्ण संदर्भ ग्रंथ है।
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