महात्मा गांधी ने कहा, "पृथ्वी हर व्यक्ति की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन देती है, लेकिन हर व्यक्ति के लालच को नहीं।" उनका मतलब था कि प्रकृति के पास इंसान की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन यह उसकी असीमित लालसा को पूरा नहीं कर सकती। उन्होंने यह भी कहा कि अमीरों को न केवल अपनी इच्छाओं को सीमित करना चाहिए, बल्कि अपनी संपत्ति को गरीबों के लिए 'ट्रस्ट' मानकर उनके कल्याण के लिए उपयोग करना चाहिए।
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