सखाराम गणेश देवस्कर
सखाराम गणेश देवस्कर (1869-1912) श्री अरविंद के करीबी सहयोगी थे। उन्होंने देवघर स्कूल में पढ़ाई की और बाद में वहीं शिक्षक बने। उन्होंने 'देशेर कथा' पुस्तक प्रकाशित की, जिसमें भारत के ब्रिटिश वाणिज्यिक और औद्योगिक शोषण का विस्तृत वर्णन किया गया। यह पुस्तक पहली बार जून 1904 में प्रकाशित हुई और वर्ष भर में चार खंडों में दस हजार प्रतियां बिकीं। इसने स्वदेशी आंदोलन के युवाओं पर गहरा प्रभाव डाला। इसने लोगों को स्वदेशी नुक्कड़ नाटकों और लोकगीतों के बारे में जागरूक किया और स्वदेशी कार्यकर्ताओं की पूरी पीढ़ी के लिए अनिवार्य पाठ्य सामग्री बन गई। इसका पांचवां संस्करण 1905 में आया। हालांकि, 1910 में बंगाल सरकार ने इस पुस्तक पर प्रतिबंध लगा दिया और इसकी सभी प्रतियां जब्त कर लीं।
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