गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1858
गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1858 ने भारत के संवैधानिक इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत की। इसे "अच्छे शासन के लिए अधिनियम" के रूप में भी जाना जाता है। इस अधिनियम ने ईस्ट इंडिया कंपनी को समाप्त कर दिया और सरकार की सभी शक्तियाँ, क्षेत्र तथा राजस्व ब्रिटिश क्राउन को स्थानांतरित कर दिए। इस अधिनियम के तहत भारत को सीधे और क्राउन के नाम पर शासित किया जाना था। इसने कंपनी शासन, कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स और बोर्ड ऑफ कंट्रोल को समाप्त कर दिया। साथ ही, पिट्स इंडिया एक्ट द्वारा शुरू की गई द्वैध शासन प्रणाली भी समाप्त कर दी गई। इस अधिनियम के तहत व्यपगत सिद्धांत (डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स) को वापस ले लिया गया, ब्रिटिश अधीनता स्वीकार करने वाले भारतीय शासकों को स्वतंत्रता दी गई और भारतीयों के लिए सरकारी सेवाओं में कुछ अवसर खोले गए।
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