यह दो विशिष्ट समुदायों के बीच प्रजातियों की विविधता को दर्शाता है।
बीटा विविधता पारिस्थितिकी में उपयोग किया जाने वाला एक सिद्धांत है, जो विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों या समुदायों के बीच प्रजातियों की संरचना में भिन्नता को दर्शाता है। यह मापने में मदद करता है कि दो अलग-अलग समुदायों में प्रजातियों की रचना कितनी भिन्न है। यह पारिस्थितिकीविदों के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है, क्योंकि इससे वे विभिन्न जैविक समुदायों के बीच संबंधों को समझ सकते हैं और जैव विविधता के स्वरूपों को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों की पहचान कर सकते हैं। यह अवधारणा अल्फा विविधता (किसी विशिष्ट क्षेत्र या पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर विविधता) और गामा विविधता (वृहद भौगोलिक स्तर पर विविधता) के साथ मिलकर जैव विविधता अध्ययन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाती है।
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