पानीपत की पहली लड़ाई में बाबर ने रूमी युद्ध पद्धति या तुलगुमा प्रणाली का उपयोग किया था। इस पद्धति में तोपों और गाड़ियों को एक साथ बांधकर शत्रु सेना के लिए अवरोध या बैरिकेड बनाया जाता था। खाइयों और बैरिकेड्स ने दुश्मन की सेना की गति को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाबर की सेना ने इब्राहिम लोदी की सेना को दो तरफ से घेर लिया। केंद्र में उसकी घुड़सवार सेना ने तीरों और अनुभवी ओटोमन तोपचियों की बंदूकों से हमला किया। इब्राहिम लोदी की अफगान सेना को भारी नुकसान हुआ और वह युद्धभूमि में मारा गया। इस पद्धति को ओटोमन पद्धति के नाम से भी जाना जाता है।
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