यह महाराष्ट्र की एक लोक विधा है। आमतौर पर यह वीरों की गाथाएं होती हैं, जिन्हें खासकर छत्रपति शिवाजी जैसे नायकों के सम्मान में गाया जाता है। ये गीत उनके गौरवशाली अतीत और वीरता की घटनाओं को दर्शाते हैं। मुख्य गायक को शाहीर कहा जाता है, जो ढोलक बजाकर लय बनाए रखता है। मुख्य गायक लय को नियंत्रित करता है और कोरस में अन्य गायक उसका साथ देते हैं।
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