वराहमिहिर की प्रमुख रचना पंचसिद्धांतिका (575 ई.) है, जो अब विलुप्त प्राचीन भारतीय ग्रंथों की जानकारी प्रदान करती है। यह ग्रंथ गणितीय खगोलशास्त्र पर आधारित है और इसमें पाँच पूर्ववर्ती खगोलीय ग्रंथों का सार है, जो पाँच लेखकों द्वारा लिखे गए थे: सूर्य सिद्धांत, रोमक सिद्धांत, पौलिश सिद्धांत, वशिष्ठ सिद्धांत और पायथागोरस सिद्धांत। यह वैदिक ज्योतिष और हेलेनिस्टिक खगोलशास्त्र (जिसमें ग्रीक, मिस्री और रोमन तत्व शामिल हैं) का संकलन है। वराहमिहिर ने सबसे पहले बताया कि विषुव का स्थानांतरण प्रति वर्ष 50.32 आर्क सेकंड होता है।
This Question is Also Available in:
English