कुमारसंभव और रघुवंश
कालिदास गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय (375-415 ई.) के दरबार के रत्नों में से एक थे। उन्होंने अपनी रचनाएँ क्लासिकल संस्कृत में लिखीं, जो प्रायः महाकाव्य के रूप में होती थीं। उनके दो प्रमुख महाकाव्य हैं - "कुमारसंभव", जिसका अर्थ है कुमार का जन्म, और "रघुवंश", जिसका अर्थ है रघु वंश।
उन्होंने दो प्रसिद्ध गीतिकाव्य भी लिखे - "मेघदूत", जिसका अर्थ है बादल दूत, और "ऋतुसंहार", जो ऋतुओं का वर्णन करता है। "मेघदूत" विश्व साहित्य में कालिदास की उत्कृष्ट कृतियों में से एक मानी जाती है। इसकी शुद्ध संस्कृत में लिखी गई प्रवाहमयी भाषा आज भी अद्वितीय मानी जाती है।
कालिदास की सबसे प्रसिद्ध और सुंदर रचना "अभिज्ञानशाकुंतलम्" है। यह उनकी दूसरी नाटक रचना थी, जो "मालविकाग्निमित्र" के बाद लिखी गई। "अभिज्ञानशाकुंतलम्" राजा दुष्यंत और ऋषि पुत्री शकुंतला की प्रेम कहानी को दर्शाता है।
This Question is Also Available in:
English