महाराष्ट्र भारत में लोकायुक्त संस्था स्थापित करने वाला पहला राज्य था। 1971 में लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त अधिनियम पारित हुआ और 25 अक्टूबर 1972 को यह संस्था प्रभावी हुई। यह अधिनियम प्रशासनिक सुधार आयोग (ARC) की सिफारिशों के आधार पर बनाया गया था, जिसे 1966 में भारत की सार्वजनिक प्रशासन प्रणाली की समीक्षा के लिए गठित किया गया था। लोकायुक्त एक राज्य स्तरीय भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी है, जो भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और अन्य कुप्रशासन से जुड़ी जन शिकायतों का निवारण करती है। यह राज्य की राजनीति और प्रशासन से स्वतंत्र होती है।
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