कोमागाटा मारु एक जापानी स्टीमशिप थी, जो 1914 में ब्रिटिश हांगकांग से रवाना हुई थी। इसमें भारत से आए लोग सवार थे, जो कनाडा जाने की कोशिश कर रहे थे। यह 376 यात्रियों के साथ वैंकूवर पहुंची, जिनमें से 352 को उतरने की अनुमति नहीं मिली। बाद में यह बजबज, कोलकाता लौट आई। बाबा गुरदित सिंह और अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर पंजाब भेज दिया गया।
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