अहमदाबाद हड़ताल, 1918
1918 में अहमदाबाद के मजदूरों और मिल मालिकों के बीच विवाद हुआ। महात्मा गांधी ने इसमें हस्तक्षेप कर मजदूरों को हड़ताल करने और 35 प्रतिशत वेतन वृद्धि की मांग करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि हड़ताल के दौरान मजदूर हिंसा न करें। मजदूरों के संकल्प को मजबूत करने के लिए उन्होंने आमरण अनशन किया, जो उनके 17 अनशनों में पहला था। उनके अनशन से मिल मालिकों पर भी दबाव पड़ा और चौथे दिन वे झुक गए तथा मजदूरों को 35 प्रतिशत वेतन वृद्धि देने पर सहमत हो गए। 1917 के प्लेग बोनस को लेकर गुजरात के मिल मालिकों और मजदूरों के बीच मतभेद था। गांधीजी को अंसारसया बेन साराभाई ने आमंत्रित किया था।
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