ऐहोल अभिलेख बादामी चालुक्य राजा पुलकेशिन द्वितीय द्वारा लिखा गया था, जिन्होंने 610 से 642 ईस्वी तक शासन किया और वे जैन धर्म के अनुयायी थे। यह महत्वपूर्ण अभिलेख ऐहोल के पास मेगुति मंदिर में खोजा गया। यह संस्कृत भाषा में है, जिसमें पुरानी कन्नड़ लिपि का उपयोग किया गया है। पुलकेशी के अभियानों का वर्णन 634 ईस्वी के ऐहोल अभिलेख में मिलता है, जिसे उनके दरबारी कवि रविकीर्ति ने रचा था। कालिदास के साथ कांची के पल्लवों से जुड़े भारवि का उल्लेख पुलकेशिन द्वितीय के प्रसिद्ध ऐहोल अभिलेख में है।
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