अमीर खुसरो, जिन्हें 'भारत का तोता' कहा जाता था, एक कवि, इतिहासकार, संगीतकार और विद्वान थे। उन्होंने सितार और तबले का आविष्कार किया। उनकी फ़ारसी और हिंदवी रचनाओं ने उर्दू साहित्य की नींव रखी। वे दिल्ली सल्तनत के दरबारी कवि थे और अलाउद्दीन खिलजी सहित कई सुल्तानों की सेवा की। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत में नए राग विकसित किए और कव्वाली को लोकप्रिय बनाया। उनकी उत्कृष्ट कृति "ख़म्सा-ए-खुसरो" फ़ारसी और भारतीय संस्कृतियों का सुंदर संगम है।
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