देवीचन्द्रगुप्तम विशाखदेव (विशाखदत्त) का संस्कृत नाटक है। यह गुप्त राजा रामगुप्त की कहानी है जो अपनी रानी ध्रुवदेवी को एक शक आक्रमणकारी के हवाले करने का निर्णय लेते हैं लेकिन उनके छोटे भाई चन्द्रगुप्त रानी के वेश में शत्रु शिविर में प्रवेश कर शत्रु का वध कर देते हैं। नाटक के अंत में चन्द्रगुप्त रामगुप्त को सिंहासन से हटा देते हैं और ध्रुवदेवी से विवाह कर लेते हैं। कृपया ध्यान दें कि 11वीं सदी की फारसी पुस्तक माजमल-उत-तवारीख में इस नाटक की कहानी के कुछ हिस्से शामिल हैं।
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