उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के घर थारू जनजाति की महिलाओं के लिए खुशी लाते हैं, खासकर खीरी जिले में जो भारत-नेपाल सीमा के पास है। थारू जनजाति एक स्वदेशी समूह है जो भारत-नेपाल सीमा के तराई क्षेत्र में निवास करती है। यह जनजाति भारत और नेपाल दोनों में मिलती है। भारत में ये मुख्य रूप से उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार में पाई जाती है और 1967 में इन्हें अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता मिली। ये थारू या थारूहाटी भाषा बोलते हैं, जो एक इंडो-आर्यन भाषा है। इनकी अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन, शिकार, मछली पकड़ना और वन उत्पादों पर आधारित है। थारू के घर बांस और मिट्टी से बने होते हैं।
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