भूमि के 3/20 हिस्से पर नील की खेती।
टिनकठिया प्रणाली में यूरोपीय नीलहों ने किसानों को उनकी भूमि के 3/20 हिस्से पर नील की खेती करने के लिए मजबूर किया। "टिनकठिया" का अर्थ "तीन कट्ठा" होता है। किसानों को पूरा फसल तय कीमत पर नीलहों को बेचना पड़ता था।
चंपारण सत्याग्रह के एक दशक बाद जब नीलहों ने क्षेत्र छोड़ दिया तब यह प्रणाली समाप्त हो गई। 1917 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में यह सत्याग्रह हुआ। किसानों ने राजेंद्र प्रसाद और गांधीजी की सहायता से आंदोलन संगठित किया।
चंपारण सत्याग्रह भारत में गांधीजी का पहला सत्याग्रह आंदोलन था। इस आंदोलन के कारण प्रशासन ने किसानों से जबरन लिया गया सारा धन वापस कर दिया।
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