निचली जातियों को पाखंडी ब्राह्मणों और उनके अवसरवादी शास्त्रों से बचाना
सत्यशोधक समाज की स्थापना महात्मा ज्योतिराव फुले ने 24 सितंबर 1873 को की थी। इसका मुख्य उद्देश्य शूद्र और अछूत जातियों को शोषण और उत्पीड़न से मुक्त कराना था। प्रचलित धर्म की आलोचना करते हुए फुले ने सत्यशोधक समाज की स्थापना मानव कल्याण, सुख, एकता, समानता और सरल धार्मिक सिद्धांतों व अनुष्ठानों के आदर्शों के साथ की।
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