जापान का क्षेत्रीय रंगमंच काबुकी अपनी संरचना और प्रस्तुति में यक्षगान से मिलता-जुलता है। कर्नाटक में यक्षगान मुख्य रूप से दक्षिण कन्नड़, उडुपी, उत्तर कन्नड़, पश्चिम शिमोगा और चिकमंगलूर जिलों में प्रसिद्ध है। यह केरल के कासरगोड जिले में भी लोकप्रिय है। इस रंगमंचीय शैली में नृत्य, संगीत, संवाद, वेशभूषा, श्रृंगार और नाट्य तकनीकों का अनूठा समावेश होता है। यक्षगान को "अट्ट" या "आसना" के नाम से भी जाना जाता है। तुलुनाडु क्षेत्र में 'बडगु तिट्टु' यक्षगान की एक प्रमुख शैली है, जो पौराणिक कथाओं और लोकगाथाओं पर आधारित होती है।
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