प्राकृतिक रबर उच्च तापमान (>335 K) पर नरम और निम्न तापमान (<283 K) पर भंगुर हो जाता है तथा इसमें जल अवशोषण क्षमता अधिक होती है। यह गैर-ध्रुवीय विलायकों में घुलनशील होता है और ऑक्सीकरण कारकों के प्रभाव से सुरक्षित नहीं रहता। इन भौतिक गुणों में सुधार के लिए वल्केनाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसमें कच्चे रबर को सल्फर और उपयुक्त योजक के साथ 373 K से 415 K के तापमान पर गर्म किया जाता है। इस प्रक्रिया में सल्फर, डबल बॉन्ड के सक्रिय स्थलों पर क्रॉस-लिंक बनाता है जिससे रबर कठोर हो जाता है।
टायर रबर के निर्माण में 5% सल्फर क्रॉस-लिंकिंग एजेंट के रूप में उपयोग किया जाता है।
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