कोझीकोड के राजा मानववेदन ने कृष्णनाट्टम नामक कला रूप की रचना की, जिसे "कृष्ण का नृत्य" भी कहा जाता है। उन्होंने प्रसिद्ध कवि जयदेव के गीत गोविंदम के आधार पर कृष्णगीति लिखी। संस्कृत में रचित यह कृति भगवान कृष्ण की कथा को दर्शाती है और इसी से कृष्णनाट्टम की उत्पत्ति हुई। यह केरल की एक रंगीन नृत्य-नाटक परंपरा है, जो 17वीं शताब्दी के मध्य में विकसित हुई। कृष्णगीति के आधार पर यह आठ दिवसीय उत्सव है, जिसमें मंदिर में लगातार आठ रातों तक भगवान कृष्ण की जीवन कथा प्रस्तुत की जाती है।
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