कुचिपुड़ी आंध्र प्रदेश की एक पारंपरिक नृत्य शैली है, जिसका उद्गम और विकास इसी नाम के गांव में हुआ था। इसका प्राचीन नाम कुचेलपुरी या कुचेलपुरम था, जो कृष्णा जिले में स्थित है। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से यह नृत्य शैली अस्तित्व में है और आज भी जीवंत परंपरा के रूप में जारी है। अन्य भारतीय शास्त्रीय नृत्यों की तरह ही कुचिपुड़ी का उद्भव भी धार्मिक परंपराओं से जुड़ा है। लंबे समय तक इसे केवल मंदिरों में वार्षिक उत्सवों के अवसर पर प्रस्तुत किया जाता था, विशेष रूप से आंध्र प्रदेश के कुछ मंदिरों में।
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