दो-दलीय प्रणाली विकसित हो चुकी है
आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली का मुख्य उद्देश्य सभी समूहों और विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है। इसलिए इसे आमतौर पर बहुदलीय प्रणाली में अपनाया जाता है, जहां विभिन्न विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व होता है।
दो-दलीय प्रणाली में सीटों का बंटवारा अंततः केवल दो दलों के बीच होता है, जिससे किसी समूह के बाहर रह जाने की संभावना बहुदलीय प्रणाली की तुलना में नगण्य होती है।
इसलिए दो-दलीय प्रणाली में प्रथम-पास-पोस्ट प्रणाली अपनाई जा सकती है, जिससे आनुपातिक प्रतिनिधित्व की जटिलताओं से बचा जा सके।
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