अंकीय नाट असम, भारत का एक प्रसिद्ध नाट्य रूप है। असम में इसे गाने की परंपरा भाओना कहलाती है। इसका सृजन महान असमिया संत और समाज सुधारक श्रीमंत शंकरदेव ने किया था। अंकीय नाट ब्रजावली भाषा में लिखे गए थे, जो असमिया और मैथिली का मिश्रण है। ये नाट्य मुख्य रूप से भगवान कृष्ण की लीलाओं पर केंद्रित होते हैं। इसके प्रदर्शन में वाद्ययंत्र, गायक, नृत्य और विशेष रूप से डिजाइन की गई पोशाकों का उपयोग किया जाता है। अंकीय नाट या भाओना असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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