सन् 1920 में कांग्रेस का विशेष अधिवेशन कलकत्ता में हुआ, जिसकी अध्यक्षता लाला लाजपत राय ने की। इस अधिवेशन में असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव पारित किया गया और बाद में 1920 के नागपुर अधिवेशन में इसे अनुमोदित किया गया। "एक वर्ष के भीतर स्वराज" का नारा अपनाया गया। 1 अगस्त 1920 को तिलक का निधन हो गया। इसके बाद तिलक स्वराज फंड शुरू किया गया, जिससे 1 करोड़ रुपये एकत्र हुए जो असहयोग आंदोलन के रचनात्मक कार्यक्रम का हिस्सा था।
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