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कुषाण साम्राज्य

कुषाण मध्य एशिया की यूची जाति के थे, यूची एक कबीला था, जो पांच कुलों में बंट गया था। कुषाण उन्ही में से एक कुल था। कुछ विद्वानों द्वारा कुषाणों का मूल स्थान चीन माना जाता है। यूची जनजाति खानाबदोश ..

होयसल साम्राज्य

होयसल साम्राज्य भारत के दक्षिण में स्थित था और वे उस समय वास्तव में प्रमुख थे। उन्होंने 10 वीं और 14 वीं शताब्दी के बीच शासन किया। होयसल के शासक पश्चिमी चालुक्यों और कलचुरी राज्यों का लाभ उठाकर सत्ता में ..

गुप्त साम्राज्य

भारत ने गुप्त साम्राज्य के तहत शांति और समृद्धि देखी। इस अवधि को विज्ञान, भाषा, साहित्य, तर्क, गणित, खगोल विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, कला, धर्म और दर्शन में व्यापक उपलब्धियों द्वारा चिह्नित किया गया था। यह कुषाण साम्राज्य के विनाश के ..

मौर्य साम्राज्य: अशोक

अशोक भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण शासकों में से एक है। अशोक ने भारतीय महाद्वीप के सबसे बड़े राज्य का गठन किया था। विभिन्न स्थानों से प्राप्त अभिलेखों में उसे देवानामपियदस्सी कहकर संबोधित किया गया है। भब्रू अभिलेख में उसे ..

मौर्यकालीन प्रशासन

मौर्य काल में राजधानी पाटलिपुत्र में स्थित थी। प्रशासन को सुचारू रूप से चलने के लिए साम्राज्य को चार प्रमुख भागों में बांटा गया था। पूर्वी क्षेत्र की राजधानी तौसाली थी। उत्तरी क्षेत्र की राजधानी तक्षशिला थी जबकि पश्चिमी उज्जैन ..

मौर्यकालीन कला और स्थापत्य

मौर्यकाल में विभिन्न शासकों ने कई नगरों के साथ-साथ स्तूपों, गुफाओं तथा स्तंभों का निर्माण करवाया। इस दौरान अशोक ने स्थापत्य कला में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया, उसके द्वारा निर्मित किये गए कई प्रतीक व चिह्न वर्तमान में भारत के ..

मौर्यकालीन धर्म

धार्मिक दृष्टि से मौर्य काल में काफी महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए। इस दौरान बौद्ध धर्म का काफी विस्तार हुआ और उसे कई शासकों का संरक्षण भी प्राप्त हुआ। मौर्यकाल में वैदिक धर्म भी प्रचलित था। इस दौरान वैदिक धर्म में कर्मकांड ..

मौर्यकालीन सामाजिक स्थिति

मौर्यकाल में समाज व्यवसाय के आधार पर 7 श्रेणियों में बंटा हुआ था, यह साथ श्रेणियां दार्शनिक, किसान, शिकारी एवं पशुपालक, शिल्पी एवं कारीगर, योद्धा, निरीक्षक एवं गुप्तचर तथा अमात्य और सभासद थीं। इस दौरान अधिकतर लोगों का व्यवसाय कृषि ..

मौर्यकालीन अर्थव्यवस्था

मौर्यकाल की अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन और इससे सम्बंधित गतिविधियों पर आधारित थी। इस दौरान व्यापार भी किया जाता था। भूमि पर राजा का अधिकार होता था, इस प्रकार की भूमि को सीता कहा जाता था। इस भूमि पर कृषि कार्य ..

मौर्य साम्राज्य: बिन्दुसार

बिन्दुसार चन्द्रगुप्त मौर्य का पुत्र था। बिन्दुसार की जीवनी के सन्दर्भ में जैन व बौद्ध ग्रंथों में अधिक वर्णन नहीं किया गया है। जैन ग्रंथों में चन्द्रगुप्त मौर्य का उल्लेख मिलता है। जबकि बौद्ध ग्रंथों में मुख्य रूप से अशोक ..