‘2021 Global Gender Gap Index’ जारी किया गया
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) ने ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2021 जारी की है। भारत की रैंकिंग में 28 स्थानों की गिरावट दर्ज की गयी है।
मुख्य बिंदु
- इस इंडेक्स में 156 देशों में से भारत को 140वां स्थान दिया गया है। इसके साथ, भारत दक्षिण एशिया में तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला देश बन गया है।
- 2020 में, भारत 153 देशों में से 112वें स्थान पर था।
- यह गिरावट आर्थिक भागीदारी और अवसर सब-इंडेक्स पर हुई।
- इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल भारत का जेंडर गैप 3% बढ़ा है।
- अधिकांश कमी राजनीतिक सशक्तीकरण उप-सूचकांक पर देखी गई है, जहां भारत को 5 प्रतिशत अंक का नुकसान हुआ हैं। 2019 में महिला मंत्रियों की संख्या 23.1% से घटकर 9.1% हो गई है।
- महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर में भी कमी आई है, जो 8% से घटकर 22.3% हो गई है।
- पेशेवर और तकनीकी भूमिकाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी घटकर 2% रह गई।
- वरिष्ठ और प्रबंधकीय पदों पर भी महिलाओं की हिस्सेदारी कम है। इनमें से केवल 6% पद महिलाओं के पास हैं और केवल 8.9% फर्म महिला शीर्ष प्रबंधकों के पास हैं।
- भारत में महिलाओं द्वारा अर्जित आय पुरुषों द्वारा अर्जित की गई केवल 1/5वीं है। इसने भारत को वैश्विक स्तर पर बॉटम 10 में रखा है।
- महिलाओं के खिलाफ भेदभाव स्वास्थ्य और उत्तरजीविता में भी देखा जाता है। इस उप-क्षेत्र में भारत को निचले पांच देशों में स्थान दिया गया है।
भारत और उसके पड़ोसी
- भारत के पड़ोसियों में नेपाल को 106, बांग्लादेश को 65, अफगानिस्तान को 156, पाकिस्तान को 153, श्रीलंका को 116 और भूटान को 130वां स्थान दिया गया है।
- सभी क्षेत्रों के बीच सूचकांक पर दक्षिण एशिया का प्रदर्शन दूसरा सबसे ख़राब है।इस क्षेत्र में कुल लिंग अंतर 3% है।
- दक्षिण एशिया क्षेत्र में, केवल दो देशों- पाकिस्तान और अफगानिस्तान को भारत से नीचे का स्थान दिया गया है।
आइसलैंड ने 12वीं बार इस सूचकांक में शीर्ष स्थान हासिल किया है और यह दुनिया में सबसे अधिक लिंग-समान देश है। शीर्ष 10 सबसे अधिक लिंग-समान देश आइसलैंड, फिनलैंड, नॉर्वे, न्यूजीलैंड, रवांडा, स्वीडन, आयरलैंड और स्विट्जरलैंड हैं।