2021 वैश्विक खाद्य नीति रिपोर्ट जारी की गयी

अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (International Food Policy Research Institute) द्वारा Global Food Policy Report प्रकाशित की जाती है। इस वर्ष संस्थान ने “Transforming Food Systems After COVID-19” थीम पर आधारित रिपोर्ट जारी की है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु : भारत

  • COVID-19 लॉकडाउन के कारण स्कूल और डे केयर सेंटर बंद किये गये थे।इससे पौष्टिक नाशवान खाद्य उत्पादों की उपलब्धता प्रभावित हुई। कई घरों में महंगे पौष्टिक खाद्य पदार्थ जैसे फलों और सब्जियों के स्थान पर सस्ते प्रधान खाद्य पदार्थों का उपयोग शुरू हुआ।
  • भारत का मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम जिसमें देश के 80% प्राथमिक स्कूली बच्चे शामिल हैं, COVID-19 लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुआ।
  • भारत में 50% परिवारों ने बताया कि महिलाओं ने पिछले वर्ष की तुलना में जलाऊ लकड़ी और पानी लाने में अधिक समय बिताया।
  • प्रवासी कामगारों को सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में शामिल करने के लिए भारत का प्रयास एक बड़ी सफलता थी।
  • भारत में लगभग 80 मिलियन हेक्टेयर भूमि को कॉमन्स के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसमें वन, जल निकाय और चारागाह शामिल थे। कॉमन्स देश में 350 मिलियन से अधिक लोगों के लिए आजीविका का स्रोत प्रदान करता है। वे अपने वन उत्पादों और चारे के लिए इन क्षेत्रों पर निर्भर हैं।

सिफारिशें

  • सरकारों को विकास के एजेंडे पर खाद्य प्रणाली परिवर्तन को सही तरीके से रखने के लिए COP26, UNFSS (संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन) और Nutrition for Growth Summit जैसे वैश्विक आयोजनों का उपयोग करना चाहिए।
  • सभी खाद्य प्रणालियों के लिए लचीलापन बढ़ाया जाना चाहिए।
  • स्वास्थ्य संकट के समय में कमजोर आबादी की रक्षा के लिए सामाजिक सुरक्षा नीतियों के लचीलेपन का विस्तार किया जाना चाहिए।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु : विश्व

  • लगभग 95 मिलियन लोग, ज्यादातर अफ्रीका में अत्यधिक गरीबी में रह रहे हैं।
  • पूर्व-महामारी के स्तर की तुलना में गरीबी में रहने वाले गरीब लोगों की संख्या में 150 मिलियन की वृद्धि हुई है।
  • वैश्विक स्तर पर महिलाओं का रोजगार 39% है।हालांकि, महामारी के दौरान उन्हें 54% नौकरी का नुकसान हुआ।

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