हिमाचल प्रदेश के पौंग बांध अभयारण्य में पक्षियों की रहस्यमय मौत दर्ज की गयी
हिमाचल प्रदेश के पौंग बाँध में रहस्यमय परिस्थितियों में 1700 से अधिक प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई है। पौंग बांध अभयारण्य में मृत पाए गए लगभग 95% पक्षी बार हेडेड गीज़ थे जो साइबेरिया और मंगोलिया से आये हैं।
पक्षियों की मौत कैसे हुई?
वैज्ञानिक का मानना है कि पक्षियों की मौत वायरल या जीवाणु संक्रमण से हुई होगी। इसके अलावा, वे मानते हैं कि यह एक फ्लू हो सकता है क्योंकि पक्षी बड़ी संख्या में मर रहे हैं।
वन अधिकारियों ने विभिन्न स्थानों से 15 से अधिक नमूने एकत्र किए हैं। इन नमूनों को उत्तर प्रदेश के बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, उच्च सुरक्षा पशु रोग प्रयोगशाला भोपाल और उत्तरी क्षेत्रीय बीमारी नैदानिक प्रयोगशाला जालंधर में भेजा गया है।
पौंग बांध अभयारण्य
पौंग बांध को ब्यास बांध भी कहा जाता है। यह हिमाचल प्रदेश में ब्यास नदी के पर निर्मित एक कृत्रिम तटबंध बांध है। इस बांध द्वारा बनाए गए जलाशय को महाराणा प्रताप सागर कहा जाता है और यह एक प्रसिद्ध पक्षी अभयारण्य है। इस बांध का निर्माण पनबिजली उत्पादन और सिंचाई के लिए किया गया था।
महाराणा प्रताप सागर शिवालिक पहाड़ियों के आर्द्र क्षेत्र में स्थित है। महाराणा प्रताप सागर जलाशय रामसर सम्मेलन के अंतर्राष्ट्रीय आर्द्रभूमि स्थलों में से एक है।
हर साल लगभग 1.15 से 1.2 लाख पक्षी सर्दियों के दौरान पोंग डैम पक्षी अभयारण्य में आते हैं। वे अभयारण्य में चार महीने तक रहते हैं।
भारत में हाल के बड़े पैमाने पर हुए वन्यजीवों की मौत
- हाल ही में मध्य प्रदेश में लगभग 50 कौवों में बर्ड फ्लू के वायरस का पता चला था।वे H5N8 वायरस से संक्रमित थे।
- साथ ही राजस्थान के कौवों में बर्ड फ्लू वायरस पाया गया था।कोटा में अब तक लगभग 47 और झालावाड़ में अब तक लगभग 47 कौवों की मौत हो चुकी है।