‘हिमगिरी’ स्टेल्थ फ्रिगेट को लांच किया गया, जानिए इस फ्रिगेट की विशेषताएं
जीआरएसई द्वारा निर्मित प्रोजेक्ट 17A स्टील्थ फ्रिगेट ‘हिमगिरी’ को 14 दिसंबर, 2020 को लॉन्च किया गया।
मुख्य बिदु
यह एक नई पीढ़ी का प्रोजेक्ट 17 A जहाज है इसमें कई उन्नत स्टील्थ फीचर शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट में अत्याधुनिक हथियार और सेंसर सिस्टम भी शामिल हैं।
प्रोजेक्ट 17A स्टेल्थ फ्रिगेट ‘हिमगिरी’
P17A पोत सबसे एडवांस्ड गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट हैं। प्रत्येक पोत 149 मीटर लंबा है। इस पोत में लगभग 6,670 टन की विस्थापन क्षमता है। यह पोत 28 समुद्री मील की गति प्राप्त करने में सक्षम है। इसका निरमा 19,294 करोड़ रुपये के अनुबंध पर किया गया है। प्रोजेक्ट 17A के तहत तीन एडवांस्ड स्टेल्थ फ्रिगेट का निर्माण GRSE द्वारा किया गया था।
पृष्ठभूमि
रक्षा मंत्रालय और जीआरएसई के बीच वर्ष 2015 में इन् जहाजों के निर्माण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। पहला जहाज 2023 में नौसेना को सौंपने की उम्मीद है। जबकि अन्य दो जहाज क्रमशः 2024 और 2025 में सौंपे जाएंगे।
नीलगिरि-श्रेणी फ्रिगेट या प्रोजेक्ट 17A
यह भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17 शिवालिक-क्लास फ्रिगेट का फॉलो-ऑन है। इस प्रोजेक्ट के तहत, कुल सात जहाज बनाए जाएंगे। यह जहाज मझगांव डॉक और जीआरएसई में बनाए जाएंगे। इन जहाजों को भारत में बनने वाले पहले बड़े युद्धपोतों के नाम पर रखा गया है। उन जहाजों का नाम पहाड़ी श्रृंखलाओं के नाम पर रखा गया था। पहले जहाज का निर्माण वर्ष 2017 में शुरू हुआ था।
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजिनियर्स (GRSE)
- यह सार्वजनिक क्षेत्र का एक रक्षा उपक्रम है, भारत के अग्रणी सरकारी शिपबिल्डर्स में से एक है, यह पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में स्थित है। यह वाणिज्यिक तथा नौसैनिक वेसल का निर्माण व मरम्मत करता है। अब यह निर्यात जहाजों का निर्माण भी कर रहा है।
- इसकी स्थापना 1884 में हुगली नदी के किनारे एक छोटी निजी कंपनी के रूप में हुई थी। 1916 में इसका नाम बदलकर गार्डन रीच वर्कशॉप रखा गया था। वर्ष 1960 में सरकार द्वारा इसका राष्ट्रीयकरण किया गया।
- GRSE एक “मिनीरत्न” है। यह 100 युद्धपोत निर्मित करने वाला पहला भारतीय शिपयार्ड है। यह वर्तमान में P17A प्रोजेक्ट के तहत भारतीय नौसेना के लिए 3 स्टेल्थ फ्रिजेट्स का निर्माण कर रहा है।
- GRSE द्वारा निर्मित 100 युद्धपोतों में एडवांस्ड फ्रिजेट्स, एंटी-सबमरीन वॉरफेयरक कार्वेट से लेकर फ्लीट टैंकर तक शामिल है।