हाल ही में आईएनएस रंजीत को भारतीय नौसेना द्वारा डीकमीशन किया गया, इसका निर्माण किस देश द्वारा किया गया था?

उत्तर – भूतपूर्व सोवियत संघ  

भारतीय नौसेना के प्रमुख मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस रंजीत को 36 वर्षों की सेवा के बाद अब डीकमीशन किया गया। इस मिसाइल डिस्ट्रॉयर को 15 सितम्बर, 1983 को कमीशन किया गया था। कप्तान विष्णु भागवत इसके पहले कमांडर थे। इसकी डीकमीशनिंग सेरेमनी विशाखापत्तनम नेवल डाकयार्ड में 6 मई, 2019 को आयोजित की गयी। इस मौके पर अंदमान व निकोबार द्वीप के लेफ्टिनेंट गवर्नर (एडमिरल) देवेन्द्र कुमार जोशी मुख्य अतिथि थे। इस पोत ने अपने सेवाकाल में 2,190 दिन की यात्रा के दौरान 7,43,000 नॉटिकल मील का सफर तय किया, यह दूरी पृथ्वी की 35 परिक्रमा के बराबर है।

आईएनएस रंजीत

  • यह काशिन श्रेणी डिस्ट्रॉयर का पोत है। इसका निर्माण भूतपूर्व सोवियत संघ ने किया था। रूसी नौसेना में एक काशिन श्रेणी का डिस्ट्रॉयर कार्यरत्त है जबकि भारत में काशिन श्रेणी के पांच राजपूत श्रेणी डिस्ट्रॉयर कार्यरत्त हैं।
  • यह पांच राजपूत श्रेणी डिस्ट्रॉयर में से सेवानिवृत्त होने वाले पहली विध्वंसक पोत है।
  • इसका निर्माण यूक्रेन के निकोलेव नगर में 61 काम्युनर्ड शिपयार्ड में किया गया था।
  • इसे 16 जून, 1979 को औपचारिक रूप से लांच किया गया था, इसे रूसी नाम “लोवक्ली” (तेज़-तर्रार) नाम दिया गया था।
  • इस मिसाइल डिस्ट्रॉयर का आदर्श वाक्य “सदा रणे जयते” है।

नोट : राजपूत श्रेणी डिस्ट्रॉयर सोवियत काशिन श्रेणी डिस्ट्रॉयर का परिवर्तित स्वरुप है। इसमें आईएनएस राजपूत, आईएनएस राणा, आईएनएस रंजीत, आईएनएस रणवीर तथा आईएनएस रणविजय शामिल हैं। राजपूत श्रेणी डिस्ट्रॉयर में सर्वप्रथम सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल फिट की गयी थी।

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