स्वच्छ्ता सारथी फैलोशिप क्या है?
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने 3 मार्च, 2021 को “Waste to Wealth” मिशन के तहत “स्वच्छ भारत फैलोशिप”लांच की है।
स्वच्छ्ता सारथी फैलोशिप
स्वच्छता सारथी फेलोशिप पहल छात्रों, स्वयं सहायता समूहों, सामुदायिक कार्यकर्ताओं, स्वच्छता कर्मचारियों और नगरपालिका श्रमिकों को सम्मानित के उद्देश्य से शुरू की गई थी जो वैज्ञानिक और स्थायी तरीके से अपशिष्ट प्रबंधन की भारी चुनौती से निपटने में लगे हुए हैं। इस फेलोशिप कार्यक्रम के तहत, सरकार तीन श्रेणियों के तहत पुरस्कार प्रदान करेगी :
- श्रेणी-ए– यह श्रेणी 9वीं से 12वीं कक्षा के स्कूली छात्रों के लिए खुली होगी जो अपशिष्ट प्रबंधन समुदाय के काम में संलग्न हैं।
- श्रेणी-बी– यह श्रेणी यूजी, पीजी और अनुसंधान छात्रों के लिए खुली है जो अपशिष्ट प्रबंधन सामुदायिक कार्य में संलग्न हैं।
- श्रेणी-सी: फेलोशिप की यह श्रेणी उन नागरिकों के लिए खुली है जो समुदाय में काम कर रहे हैं और स्वयं सहायता समूहों, नगरपालिका श्रमिकों या स्वच्छता कर्मचारियों के माध्यम से जो अपनी नौकरी की आवश्यकताओं से परे काम कर रहे हैं।
वेस्ट टू वेल्थ मिशन
कचरे को रीसायकल करने, ऊर्जा पैदा करने, कचरे का उपचार करने के लिए प्रौद्योगिकियों की पहचान, विकास और तैनाती के उद्देश्य से “वेस्ट टू वेल्थ मिशन” शुरू किया गया था। यह मिशन प्रधानमंत्री की “विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (PM-STIAC)” के नौ-राष्ट्रीय मिशनों में से एक है। यह सर्कुलर इकोनॉमिक मॉडल बनाने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और स्वच्छ भारत मिशन को सहायता और संवर्धित करने में मदद करेगा। यह देश भर में कचरा प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने में मदद करेगा।