संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय

संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 1983 में नागपुर विश्वविद्यालय के विभाजन के माध्यम से की गई थी और इसका नाम महान संत संत गाडगे बाबा के नाम पर रखा गया था। इसे अमरावती विश्वविद्यालय के नाम से भी जाना जाता है। विश्वविद्यालय 5 जिलों – अकोला, अमरावती, बुलढाणा, यवतमाल और वाशिम की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करता है। विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यता दी गई है। संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय को एसोसिएशन ऑफ कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी के सदस्य के रूप में चुना गया था।

विश्वविद्यालय कला संकाय, विधि संकाय, वाणिज्य संकाय, सामाजिक विज्ञान संकाय, गृह विज्ञान संकाय, विज्ञान संकाय, अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय सहित 10 संकायों के अंतर्गत विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान करता है। इन संकायों के अंतर्गत 21 विभाग हैं। विश्वविद्यालय द्वारा जैव प्रौद्योगिकी, रसायन-प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर विज्ञान, व्यवसाय प्रबंधन जैसे कई आधुनिक पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं। विश्वविद्यालय कई शोध कार्यक्रम भी प्रदान करता है। यवतमाल, अकोट, खामगाँव, वाशिम, धामनगाँव, करंजा लाड, वारुद, बुलढाणा, उमरखेड, मंगरुलपीर, घाटंजी और मलकापुर में अनुसंधान केंद्र उपलब्ध हैं।

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